Khwabgaah.....
Thursday, July 14, 2011
बारिश..
बारिश होती है जब,
तो
इन गारे पत्थर की दीवारों पर
भीगे भीगे नक़्शे बनने लगते हैं!
हिचकी-हिचकी बारिश तब...
पहचानी सी इक कहानी लिखती है.
बारिश कुछ कह जाती है...
ऐसे ही अश्क़ों से भीगा
एक खत
शायद,
तुमने पहले देखा हो?
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