कहानी वो,जो अधूरी हो..
..हमारी तरह !!
जो जल्द ही क़िस्सों में तब्दील हो चुके होंगे !
फिर हो सकता है,हम भी सुनाए जाएं ,,,
............क्या मालूम !!
या फिर,'उन' पोटलियों मैं ठूस दिए जाएं,
जो कभी फिर न खुलेंगी !!
....और गुज़रते वक़्त के साथ,
अपनी ही सिलवटों से चिटख के 'ख़त्म' हो जाएँ !!
No comments:
Post a Comment