Tuesday, June 26, 2012

समाप्त ..


कहानी वो,जो अधूरी हो..
..हमारी तरह !!
जो जल्द ही क़िस्सों में तब्दील हो चुके होंगे  !
फिर हो सकता है,हम भी सुनाए जाएं ,,,
............क्या मालूम !!
या फिर,'उन' पोटलियों मैं ठूस दिए जाएं,
जो कभी फिर न खुलेंगी !!
....और गुज़रते वक़्त के साथ,
 अपनी ही सिलवटों से चिटख के 'ख़त्म' हो जाएँ !!




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